Saturday 20 April 2013

करुण रुंदन 

अब ना वो बातें
ना अटकलें
ना बातों के तूफान
ना आसरा
ना  तेरा आँचल
ना तेरी ममता की छाव
ना वो सुबह की पहली टिनटिन
ना रात का वो शोरगुल
मखमल श्वेत पत्र सा ह्रदय मेरा
अब है शांत
अब ना कोई द्वन्द है
ना जीवन  जीने का विकल्प


(अनुराग बेंजवाल "अनुप्रियांक")
 सर्वाधिकार सुरक्षित 

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